हर कॉलेज में कोई न कोई ऐसी जगह जरूर होती है जो हंसों जोड़ों के समय बिताने के लिए सुप्रसिद्ध हो जैसे स्टेडियम, पार्क, कैंटीन, आदि। ऐसी जगह जिसके होने की जानकारी तो सभी को होती है लेकिन फिर भी उसके होने वाले विभिन्न प्रयोग की जानकारी कुछ को ही होती है। कॉलेज में मौजूद हर बच्चे को उस जगह के होने वाले उपयोग की एक अलग ही जानकारी होती है। सीधे बच्चों के लिए उस जगह का सामान्य उपयोग होता है। वह उपयोग जिसके लिए उसे बनाया गया था। बाकी दूसरी प्रजाति के बच्चों के लिए जैसी जिसकी जरूरत। कभी वो जन्मदिन मनाने के जगह के रूप में काम आती है तो कभी वैलेंटाइन का दिन मनाने के जगह के रूप में। अरे शरमाये नहीं, हमें सबकी ख़बर है। हम भी तो कॉलेज के ही "बच्चे" हैं। कभी वो जगह दोस्तों के संग देर रात तक बैठकर तारों से भरे आसमान निहारते हुए गुजरती है तो कभी टीचर्स के नामकरण संस्कार से ले कर उनके वर्गीकरण पर चर्चा परिचर्चा कुछ ठंडे पेय जल और नाश्ते के साथ करते हुए। कुछ बच्चे पेयजल के अलावा भी कुछ पीने की चीज कभी कभी ले आते हैं जैसे.......लस्सी, कोल्ड ड्रिंक,****, आदि। अजी हाँ, हम बच्चे अपने शिक्षकों का नए सिरे से नामकरण संस्कार भी करते हैं। कई बार बच्चे नए नए कॉलेज में आते ही अपने लिए जोड़ीदार की तलाश में लग जाते हैं ताकि वो उनके संग P से पढ़ाई भी कर सके। P से पढ़ाई वाले हँसों के जोड़े अक्सर पुस्तकालयों में बैठे पाए जाते हैं।बाकी P से कुछ और शब्द भी होते हैं जिनका अंदाजा आपको नीचे अंत में मिल जाएगा।
हमारे कॉलेज में इसी तरह का एक स्थान है जिसे हम बच्चे प्यार से RP कह कर बुलाते हैं।
वैसे तो इस RP का एक अच्छा सा नाम है लेकिन हमने इसका भी अलग ही नामकरण कर रखा है- रोमियो पार्क/रास्कल पार्क। हाँ तो वापस लौटते हैं RP में PR के शीर्षक पर। यहाँ की सबसे अचंभित करने वाली बात मुझे ये लगती है कि इस पार्क को शाम में सब टहलने घूमने बैठने वालों से खाली करवा दिया जाता है। फिर थोड़ी साफ़ सफाई करवा कर अच्छे से यहाँ पार्क में लगी लाइट्स से जगमग कर दिया जाता है। अगर कोई देखे उस वक़्त तो पार्क से हमारे कॉलेज के मुख्य भवन के सामने का नजारा प्रथम राष्ट्रपति के मूर्ति के साथ हल्की रौशनी के साथ बहुत ही अच्छा दृश्य देता है (ये राज की बात है कि सबको निकाले जाने के बाद भी मुझे इस दृश्य के बारे में कैसे पता है?)।
अब ये तो पता नहीं कि सभी घुमक्कड़ जंतुओं और विद्यार्थियों को पार्क से बाहर कर के इतनी रौशनी कर के राष्ट्रपति जी को ऐसा कौन सा आंनद मिलता है। लेकिन ठीक है सबकी अपनी व्यक्तिगत जिंदगी होती है। मूर्ति की भी होगी जो वो हम सबके सामने बिताने में कतराते होंगे। वैसे सूत्रों से पता चला है कि राष्ट्रपति जी ने अक्सर अंधेरे में अपने सामने कुछ कलियों को खिलते खिलखिलाते देखा है। कुछ भँवरों को रात में पार्क में इधर उधर भटकते देखा है। खैर अब हम प्रकृति माता से तो कुछ नहीं कह सकते लेकिन फिर भी अगर प्रकृति में मौजूद कलियों और भँवरों तक हमारी यह रचना पहुँचे तो उनसे अनुरोध है कि राष्ट्रपति जी की व्यक्तिगत जिंदगी को भी थोड़ा ध्यान में रखें और फिर अपने कार्यों में संलग्न होवें।
बाकी RP में PR की घटना कोई नई नहीं है। गुप्त सूत्रों की माने तो इसका इतिहास काफी पुराना है। RP शुरू से ही PR की जगह रही है। इसके पीछे एक पुरानी मान्यता छुपी है। जिसके अनुसार RP में PR करने से परीक्षाओं का परिणाम काफी हद तक बदल सकता है क्योंकि पार्क में करने से आप प्रकृति के करीब होते हो तो आपका तनाव काफी कम रहता है। आप मन से कर पाते हो........... P से पढ़ाई। बाकी जिसकी जैसी जरूरत वैसे उसके विचार और वैसा उसका परीक्षा में प्रदर्शन। खैर RP में PR (पढ़ाई रोजाना) तो मैंने भी किया है। खासकर परीक्षा के दिनों में जब Viva चल रहा हो या शुरू होने वाला हो तो उसके पहले RP में ही PR (पढ़ाई रोजाना) होती थी। ये तो आपने भी किया होगा।
अब हम चले पढ़ाई करने अन्यथा हमें सिलेबस का तनाव हो जाएगा और हमारे संग तो कोई जोड़ीदार भी नहीं है। बाद में सभी कहेंगे कि RP में PR वाले हमारी P से पढ़ाई की बेइज्जती करते रहते थे, अब तुम्हारा P से परिणाम बिगड़ गया न।
सन्दर्भ:
RP- अब तक तुम्हें इसका मतलब नहीं पता चला? डे स्की हो क्या? कॉलेज में रहा करो तब न पता रहेगा।
PR- पढ़ाई रोजाना/प्यार रोमांस(जिसकी जैसी जरूरत)
हंसों का जोड़ा- कोरोना काल में मेडिकल कॉलेज का हाल भाग 1
बच्चे- कॉलेज में पढ़ने वाले हम सब विद्यार्थी(खासकर UG वाले)
****- 18+ पेय पदार्थ, छोटे बच्चों के समझने की चीज नहीं है।
पुस्तकालय- लाइब्रेरी
रोमियो पार्क- हंसों के जोड़े के लिए
रास्कल पार्क- बकैतीबाज दोस्तों के समूह के लिए
घुमक्कड़ जंतुओं- कैंपस के नामुराद कुत्ते
कलियाँ- हैं....बड़ी उत्सुकता है जानने की? जो आप सोच रहे हो वही।
भँवरे- ऊपर वाला सोच लिया तो ये भी पता कर लो
संलग्न- involve
धन्यवाद
आपका वरीय/कनीय/मित्र
वरुण (२०१७ बैच)
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