महिला छात्रावास की चारदीवारी
प्रकृति ने भी महिला छात्रावास की चारदीवारी पर धावा बोल दिया। पहले अक्सर सिर्फ कुछ सज्जन पुरुष ही उस पर सेंध लगाया करते थे। उस टूटी हुई चारदीवारी की चर्चा आज रिम्स के हर एक प्रेमी जोड़े की चुहलबाजी का हिस्सा रहेगी। कुछ जोड़े उस टूटी हुई चारदीवारी की खिल्ली उड़ाएंगे तो कुछ जोड़े छात्रावास प्रबंधन को सुंदर शब्दों से नवाजेंगे। कुछ नए नए बने तोता मैना की जोड़ी को उसमें से आजादी की हवा आती हुई सी दिखेगी( फर्स्ट ईयर के प्रिय जूनियर्स)।
इस कैंपस के कुछ जिम्मेदार छात्र दिन में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो कर शायद अपने दोस्तों संग विस्तृत चर्चाएं भी करेंगे लेकिन रात होते होते वो भी उस गिरी हुई पेड़ की टहनी की ऊंचाई नापते हुए नजर आएंगे। अरे भाई आज बारिश हुई है तो ठंड तो लगेगी ही न तो बस उसके लिए। आप भी न जाने क्या क्या सोच लेते हैं।
यूं तो महिलाओं का छात्रावास लड़कों के बीच अक्सर ही कौतूहल का विषय रहता है। खैर इनमें भी लड़कों का क्या कसूर। ये तो मानव की जिज्ञासा ही है जो हर कैद चीज का रहस्य जानने को लालायित रहती है और कुछ हॉर्मोन्स का भी इनमें योगदान होता है(अरे भाई मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं तो थोड़ा बायोलॉजी का ज्ञान नहीं पेलेंगे तो कैसे पता चलेगा)।
खैर लड़कियों के छात्रावास में प्रवेश करने का अनुभव तो मुझे कभी मिला ही नहीं लेकिन गुप्त सूत्रों(नाम लेंगे तो देशद्रोही साबित हो जाने का खतरा है) से पता चला है कि ये भी एक अलग ही दुनिया होती है। ऐसी दुनिया जिसमें चारो तरफ सिर्फ लड़कियाँ होती है। पुरुष प्रजाति के नाम पर बस गार्ड जी और मेस वाले भैया दिखते हैं। वैसे तो इस दुनिया किसी भी बाहरी व्यक्ति(चाहे वो अंदर रह रही लड़की का पिता ही क्यों न हो) का आना जाना सख्त मना है खासकर तब जब वो पुरुष हो।
लेकिन फिर भी अक्सर दूध वाला, न्यूज़पेपर वाला, पानी वाला, आदि का आना जाना लगा रहता है(शायद ये लोग पुरुष ही नहीं............. महापुरुष हैं)।
कई बार तो हमारे तरफ़ के लड़के दूध वाले और मेस वाले भैया को पटाने में लगे रहते हैं कि भैया हमको भी एक दिन के लिए खाना दूध पहुंचाने के काम पर रख लो। बेचारे गरीब छात्र पार्ट टाइम जॉब की कोशिश कर रहे हैं (आपने कुछ और सोचा?)।
खैर एक बात तो है कि अंदर रहने वाले पुरुष प्रजाति के सदस्य बड़े मौज में रहते हैं। जब चाहा जिसको टोक दिया डांट दिया वार्डन को कॉल करने की धमकी दे दी।
(स्पेशल टिप- हालांकि गुप्त सूत्रों से पता चला है कि इन लोगो को एक डब्बा मिठाई और एक बोतल दारू से आराम से पटाया जा सकता है।)
वैसे इस चारदीवारी की कुछ दिन पहले ही मरम्मत हुई थी। सुरक्षा व्यवस्था के नए पुख्ता इंतजाम हुए थे लेकिन वो शायद दरवाजों के आसपास के चार ईंटों की ही सीमा तक सीमित रह गई थी शायद पैसों की कमी हो गई होगी(या फिर नियत......)।
खैर प्रकृति से पहले भी कई बार इस चारदीवारी पर सेंध मारने की कोशिशें हुई हैं। कई कोशिशें तो कामयाब भी हो गई और किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई।
कुछ अफवाहें तो कहती हैं कि इस तरह की पहली लोकप्रिय सफल कोशिश हमारे कॉलेज के ही एक शिक्षक के द्वारा की गई थी और वो भी तब जब वो यहाँ अपने छात्र जीवन का मजा ले रहे थे। अब भी जब उनको देखता हूँ तो लगता नहीं है कि यही वो इंसान है जिसने ऐसा दैवीय चमत्कार दिखाया होगा। खैर गुरुजी के चरणों में दंडवत प्रणाम क्योंकि उन्होंने शालीनता से सभ्यता की मर्यादा का मान रखते हुए अंदर गए और बिना किसी को कोई परेशानी दिए बाहर भी आ गए।
वैसे गए तो हम भी एक दो बार हैं लेकिन बाकायदा गार्ड से बात कर के और वो भी मेडिकल इमरजेंसी के कारण (देखिए हम शरीफ़ हैं........वो बात अलग है कि वापसी में बाइक खराब होने का बहाना कर टहलते हुए लौट थे)।
लेकिन यार जो कहो अंदर का नजारा सच में लुभावना होता है। एक तो चारो ओर फूलों(सच के फूलों की बात कर रहा हूँ, कोई उपमा नहीं है) की क्यारियां लगी हुई है और सुबह की सैर के लिए रास्ते बने हुए हैं। रात में भी अंदर लगभग हर जगह रौशनी रहती ही लेकिन फिर भी कई ऐसी जगहें हैं जो अगर इस चारदीवारी के बाहर रहती तो दिन क्या रातों को भी गुलजार रहती।
वैसे तो कई बार हमारे क्रिकेट खेलने वाले बंधु चारदीवारी के अंदर जा चुके हैं लेकिन उन्हें भी 15 कदम से ज्यादा अंदर जाने का अनुभव शायद ही मिला हो। लेकिन ये बात तो रहती है कि अंदर गई हुई गेंद को ढूंढने में अक्सर ज्यादा समय लग जाता है, शायद गेंद किसी झाड़ियों में खो जाती होंगी(या फिर नजरें..….)।
आपका वरीय/कनीय/मित्र
वरुण(2017 बैच)
©Inking Scalpel®
🙌🙌👏👏
ReplyDelete🙏🙏😊
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ReplyDeleteRelatable..
ReplyDeleteSpecial tip👌👌😂 awesome
Tip av trial period me hai, agar kaam kar jaaye to mujhe bhi btana. Thanks
Delete🤣🤣🤣😂😂 jyada chance to hai krega hi.. apka tip Jo hai...
DeleteFir bhi btaunga kabhi use Kiya to😂🙏
Nice one bro
ReplyDeleteThanks bro
Deletenice 🙌
ReplyDeleteThanks
DeleteAti uttam 💥🎉🔥🔥🔥🔥🔥
ReplyDeleteDhanyvad
DeleteNice one bhaiya ������
ReplyDeleteThanks babu
Delete😂🔥🔥🔥🔥
ReplyDelete😂😂
ReplyDelete😂😂😂😂
ReplyDeleteGazab 😅
ReplyDeleteThanks
DeleteAwesome
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाई साहब, मेरे लिए तो जैअसे कोई औरों गोला था एह
ReplyDeleteधन्यवाद भाई जी।
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteधन्यवाद
DeleteSuperb bro😂😂
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteआप अपने अमूल्य खजाने से इतने गूढ़ रहस्यों से पर्दा ना हटाए अन्यथा किसी सीनियर द्वारा गूढ़ ग्यान प्राप्त हो सकता है 🤭🤭🤭
ReplyDeleteकौन हो जी आप? प्लीज अपना नाम बताइए या फिर हमारे व्हाट्सएप पर मैसेज कीजिये। आपके चरण पखारने हैं गुरु!��������
Deletebahut khoob...kafi relatable hai
ReplyDeleteधन्यवाद🙏
DeleteIt's superb dear..kya khoob likha h
ReplyDeleteधन्यवाद। बस आप पाठकों का प्यार बना रहे।
Deleteअद्भुत 🔥🔥🔥
ReplyDeleteधन्यवाद🙏😊
Deleteअप्रतिम ✍️
ReplyDeleteधन्यवाद🙏😊
DeleteAdbhut! Aapke writings Ka to jawaab ni������itni baatein to hme khud bhi pta ni thi boss..��������
ReplyDeleteधन्यवाद दोस्त। अब क्या करूँ महिला छात्रावास में रहने वाले पक्षी अक्सर सुबह घोसले से निकलते ही हमें अंदर की बातें बताने आ जाते हैं।😉😉
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