Friday, November 20, 2020

कोरोना काल में मेडिकल कॉलेज का हाल भाग-१

प्रथम भाग:

दो वरीय हंसों का जोड़ा (अर्थात सीनियर कपल) मास्क लगाए हुए कॉलेज कैंपस में विचरण कर रहा है और बगल से मास्क लगा कर एक कनीय चूजा (अर्थात जूनियर लड़का) गुजर रहा है।

बॉस(वरीय हंसों के जोड़ा में पुरुष प्रजाति ) की सोच: ई नमूना कौन है बे? मास्कवा पर कुछो समझे नहीं आ रहा। साला टुकुर टुकुर इधर देख रहा है। अच्छा साला पवनवा है लगता है, इसका तो अलग से खबर लेंगे रात में बुलाएंगे इसको परिचय सत्र में। साला ढंग से 1 महीना हुआ नहीं है और हमरी बंदी पर नजर मार रहा है।


मैडम(अब इनके बारे में क्या बताएं, नशीली आंखों से ही खूबसूरती झलकती है) की सोच: न जाने काहे बुला लिया है मिलने को और अब बुलाया भी है तो उधर लड़का लोग का हॉस्टल का दरवाजा तरफ ही देख रहा है, ई नहीं कि हमरी ओर भी जरा देख ले। कितना कुछ पढ़ना है, परीक्षा नजदीक है। अच्छा ......उ तो कोई जूनियर लड़का जा रहा है ना, इधर बार बार काहे देख रहा है उ। ई सब लड़का लोग का अलगे नाटक चलता रहता है। अब हमसे 2 मिनट और ये कुछ नहीं बोला तो हम चल जाएंगे, हाँ नही तो।


कनीय लड़का की सोच: अच्छा है कि मास्क लगा लिए हैं, अब मस्त जीन्स टीशर्ट पहिन कर पर्फ्यूम मार कर फोकस में घूमेंगे, कौनो पहचानेगा भी नहीं........... अरे राम! राम! राम! ई किसको देख लिए भाई? .......साला लंगूर के हाथ में अंगूर। ई तो वही बोसवा है ना जो आँखें दिखा कर डरा देता है। इसको तो साला सबका नाम तक याद रहता है, लगता है कि दवा छोड़ कर हमहि लोग का नाम रटता रहता है। ई देखो तो कितनी खूबसूरत और मासूम मैडम को घुमा रहा है और एक हमरे बैच में सब की सब नकचढ़ी और बहन जी भरी पड़ी हैं। ना अक्ल न शक्ल और भाव खाती है किलो भर का जैसे भाव से ही पेट भरेगी। अरे बाप रे! ई बोसवा तो इधरे देख रहा है। भाग रे पवनवा मास्क टाइट कर के नहीं तो रात में पैंट ढीला और गीला दोनों करवा देगा ई बोसवा।



आपकी मेरी बातें: बस अब आपके प्यार का इंतजार है, मिलेगा तो इसके और भी भाग लिखूंगा अन्यथा इसका सफ़र यहीं तक था। धन्यवाद। कृप्या टिप्पणी करें कि आपको इसमें क्या पसंद आया।


आपका वरीय/कनीय/मित्र

वरुण (2017 बैच)

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